सुक्खू के चक्रव्यूह में फंस कर रह गए है भाजपा के सारे चाणक्य ।

नई दिल्ली

       27 मार्च को हिमाचल के अंदर  एक ऎसा राजनीतिक भूचाल आया था जिसके चलते हर राजनीतिक पंडित भौचका रह गया था ।

        प्रदेश सरकार में छः विधायक अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के पार्टी से दगा कर गए ।दगा भी इस तरह की जिसपर सरलरकी गुप्तचर एजेंसियां अभी तक विश्वास नही कर पा रही कि ये कैसे सम्भव हुआ ।

           यंहा बात ये हो रही है कि विधानसभा का सत्र चल रहा था उसी बीच राज्यसभा के लिए वोटिंग होनी थी ।हालांकि पहली एक दो रात पहले सब कांग्रेस विधायकों ने कांग्रेस2प्रत्याशी के साथ डिनर फिर सुबह नाश्ता भी किया ।और कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनू सिंघवी के साथ लम्बी बातचीत भी करते रहे ।

            कांग्रेस आलाकमान का कुछ विधायको पर विश्वास  उस समय तार तार हो गया जब मीडिया पर ये खबर आने लगी कि हिमाचल में मौजूदा सरकार के छः विधयकों ने कांग्रेस प्रत्याशी के विरोध मे मत दिया और शाम को जब ये मतों की गिनती हुई उसमे साफ भी हो गया कि ये छह5 विधायक पार्टी जिसने उनको टिकट दिया चुनाव2लड़ने को लाखों रुपये दिए सबकुछ भूलकर नमक हरामी कर बैठे2है ।

    बागियों का तांडव यंही नही रुका दूसरे2दिन बजट सत्र पास होना था भाजपा के बड़े केंद्रीय नेता इस साजिश में जयराम और टीम का पूरा साथ देते रहे और बजट सत्र में उक्त विधायक अनुपस्थित2 हो गए1 भाजपा का अनुमान था कि बजट सत्र में बजट पास नही होगा और सरकार गिर जाएगी ।

     सुक्खू ने उसी समय मीडिया में आकर कहा कोई निराश न हो सरकार नही गिरेगी ।

        एक चतुर राजनीतिज्ञ की तरह मुख्यमंत्री उसी समय मीडिया में आये जब पूरा प्रदेश और देश ये सोचने लगा कि अब शायद हिमाचल की सरकार गिर जाएगी और प्रदेश की जनता को दो लाइनों में कहा कि आपने जो जनादेश कांग्रेस को दिया है मै उसको डगमगाने नही दूंगा आप सब लोग निश्चिंत रहो और मीडिया में आ रही मुख्यमंत्री के इस्तीफे की बातों का खंडन भी कर दिया जिससे कांग्रेसी थोड़े राहत की सांस।लेने लग गए ।

       अब सरकार न गिरे इसके लिए सुक्खू ने बहुत ही योजनाबद्घ तरीके से विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन किया कि सभी 40 विधायकों को बजट सत्र के दिन जिस दिन बजट पास होना था सबकी उपस्थिति जरूरी की जाए क्योंकि1 सुक्खू ये जान चुके थे कि बागी विधायक भाजपा के पाले जाने की फिराक में है अगर वो आते है बजट में तब बजट पास हो जाएगा अगर व्हिप  का उलंघ्नन करके उपस्थित नही हुए तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी एवम 6 कांग्रेस की सदस्यता रद्द होने की स्थिति मे सदन सिर्फ 62 का माना जायेगा और सिर्फ 32 विधायक सरकार का बजट2पास करने को जरूरी होंगे जबकि1 सरकार के पास अभी भी34 विधायक थे ।

       सुक्खू ने जैसा अनुमान लगाया था वैसा ही हुआ 6 विधायक सदन में बजट पास करने उपस्थित नहीं हुए1 अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी

भाजपा के बड़े नेता अमित शाह भी ये सोचकर कि हिमाचल प्रदेश में उनसे भी बड़ा राजनीतिज्ञ कांग्रेस पार्टी ने है  दूरभाष पर प्रदेश के भाजपा नेताओं खासकर जयराम को  को लताड़ने लगे कि उनकी इस हरकत से भाजपा कीराष्ट्रीय स्तर पर बदबामी हुई है ।

        ।दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू रातों रात राष्ट्रीय और यंहा तक कि कई दूसरे देशों में भी आम और गरीब घर से उठकर मुख्यमंत्री बने और इतने बड़े षड्यंत्र  से इतनी  सूझ बूझ से भाजपा के चक्रव्यूह को तोड़ने वाले बधाई का पात्र बन गए

   देश मे भाजपा द्वारा चलाई जा रही उथल पुथल से सुक्खू ने जिस तरह सरकार को बचाया उससे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलोकार्जुन खड़गे सोनिया गांधी राहुल गांधी प्रियंका गांधी और अन्य सभी नेता सुक्खू  को राजनीति का1असल स्टार बताते हुए नहीथक रहे है और अन्य राज्यो को भी सुक्खू से सीख लेने की बात कर रहे है ।

विधायकों को  सांसद का टिकट थमाकर भाजपा की रही सही उम्मीदों पर भी फेरा पानी ।

।अब सुक्खू ने एक बहुत ही भयंकर दावखेलकर भाजपा को चारों खाने चित2कर दिया है जिसमे प्रदेश के मौजूदा विधायको को सांसद1का टिकट दिया गया है ।

अगर सांसद चुनाव हार गए तो विधायक तो रहेंगे ही प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीअगर जीत गए तो जनता की तरफ से ये संदेश भी मिल जाएगा कि सुक्खू फ्री हैंड राजनीतिक बैटिंग करे और विधानसभा में नए सदस्यो के जीतकी उम्मीद बढ़ जाएगी ।

एक अन्य बात यह भीबहै किअगर निर्दलीय विधायको का इस्तीफा कानूनी1रूप से स्वीकार कर लिया जाता1है तो उसी फैसले को आधार मानकर सुक्खू  सांसदों से इस्तीफा दिलवाकर प्रदेश की1सरकार को आंच नही आने देंगे

 एक प्लान बी ये भी है कि अगर सांसद जीत जाते है तो उनके स्थान पर जो योग्य जिताऊ उम्मीदवार विधायक पद के होंगे उनको नई चुनाव आचार संहिता जो इन विधायकों के जो सांसद जीतकर जाएंगे उनको पहले ही केबिनेट मंत्री की शपथ दिला दी जाएगी ताकि क्षेत्र की जनता दौगुना उत्साह से नए उम्मीदवारों को विधानसभा भेजे जिताकर ।।

यानी चित भी सुक्खू का पट्ट भी सुक्खू।

का ।

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