सरकार में विधायको और महिला कार्यकर्ताओं की अनदेखी नुक्सानदायक होगी साबित।

एडवांस न्यूज़ ब्यूरो शिमला 17 फरवरी ।

विशेष लेख ..हिमाचल प्रदेश मे कांग्रेस सरकार बने हुए लगभग डेढ़ साल होने ही वाला है प्रदेश1 मे सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यभार संभालने के एकदम बाद अपने विश्वास के तीन लोगो को एकदम नियुक्ति दे दी जिन मैसे तीनो को कैबिनेट रैंक का दर्जा तक दे दिया हालांकि जानकारी के मुताबिक केबिनेट रैंक प्राप्त किये तीन मैसे दो लोगो का कांग्रेस संगठन से लम्बा जुड़ाव रहा है इन मैसे एक कोटखाई से सम्बन्ध रखने वाले नरेश चौहान दूसरे हमीरपुर से सम्बन्ध रखने वाले सुनील शर्मा है ये दोनों ही पूर्व में कांग्रेस के महासचिव भी रहे है । तीसरे गोकुल बुटेल1 आईटी की पढ़ाई करके विदेश से भारत लोटे और तब से सरकार में जनप्रतिनिधि न होने के बावजूद केबिनेट रैंक पर कार्य करते थे है पहले जब वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे तब भी मुख्यमंत्री के आई टी सलाहकार थे और अब सुक्खू सत्कार मे भी आईटी सलाहकार है ।दीगर बात ये है कि तीनों मैसे दो ही केबीनेट रैंक प्राप्त लोगो को कोई प्रोफेशनल अनुभव नही है उनको सिर्फ सुक्खू से नजदीकियों का इनाम मिला है माना जाता है कि जनता भी इनकी पकड़ इतनी मजबूत नही है ।

कई विधायक भी है नाराज ..वंही सरकार में कांग्रेस के टिकट पर जीते राजेन्द्र राणा सुधीर शर्मा रवि ठाकुर इंद्रदत्त लखनपाल चैतन्य शर्मा इत्यादि विधायक भी लगातार नाराज चल रहे है जो सही संकेत नही है ।

पूर्व अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप राठौर भी अप्रत्यक्ष रूप से सबको साथ लेकर चलने की कर चुके है बात

सरकार में अभी तक हुई कई नियुक्तियों।को लेकर स्थानीय विधायक या पूर्व विधायक भी सकते मे आये है और पिछले दिनों मंडी जिला से सम्बन्ध रखने वाले एक पूर्व1 विधायक एक चेयरमैन द्वारा उनके क्षेत्र मे दखल सन्दजी को लेकर इस्तीफा भी दे चुके है ।

हिमाचल में महिला कार्यकर्ताओ को अभी तक नही मिली सरकार में नियुक्तियां

एक बात ये भी सर्वविदित है कि प्रदेश मे जितनी भी नियुक्तियों सरकार ने कार्यकर्ताओं की की है वो लगभग सभी पुरुष है ।महिलाओं को अभी भी सरकार में नियुक्तियों के लिए दो चार होना पड़ रहा है ।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षा प्रतिभा सिंह बार बार कार्यकर्ताओ की कर चुकी है पैरवी ।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षा इसी बाबत के बार खुले मंचो से मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से मिलकर और हाईकमान से भी कार्यकर्ताओ को सरकार म तरजीह देने की।बात कर चुकी है और उन्होंने साफ भी कर दिया है कि लोकसभा चुनाव मे कार्यकर्ताओ की अनदेखी इस बार मॅहगी पड़ने वाली है ।

जानकारों के अनुसार सुक्खू को राजीव शुक्ला का दुबारा प्रदेश प्रभारी बनना रास नही आ रहा है क्योंकि जिन पुराने जमीनी कार्यकर्ताओ को सुक्खू सरकार में तैनाती चाहते है उनपर राजीव शुक्ला अपनी2सहमति नही देते है और कार्यकर्ताओं का सरकार में शामिल होने का सपना लम्बा खिंचता चला जा रहा है ।

महिलाओं से सम्बंधित पांच विभाग पाचो खाली ।

सरकारमे ।महिलाओं से सीधे सम्बंधित पांच मुख्य विभाग जिनपर महिलाओं की ही तैनाती होनी है जिनमैसे राज्य महिला आयोग .,बाल अधिकार सरक्षण आयोग गुड़िया सक्षम बोर्ड या आयोग इत्यादि अभी तक नही भरे गए है ।

ऐसेमे कार्यकर्ता खास कर महिला कार्यकर्ताओ मे अंदर ही अंदर खासा रोष है और यंही रोष अगर महिलाओं ने लोकसभा चुनाव मे दिखाया तो कांग्रेस की लोकसभा डगर बहुत मुश्किल हो जाएगी ।

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