आचार्य कुलदीप शांडिल्य ने देशराजीय-पञ्चाङ्ग कैलेंडर का विमोचन ।।

एडवांस न्यूज़ ब्यूरो ।।

शिमला  23 मार्च 2025 ,वैदिक गणितीय गणनाओं पर आधारित, प्रतिष्ठित *देशराजीय-पञ्चाङ्ग* (कैलेंडर) विक्रम संवत् 2082 (सन् 2025-26 ई०) का विधिवत विमोचन कर दिया गया श्री गणेश व श्रीसरस्वती पूजन के बाद आज रविवार, 23 मार्च, 2025 को वरिष्ठ प्रवक्ता हिन्दी, कुलदीप शांडिल्य जी बतौर मुख्यातिथि ने विधिवत विमोचन किया । बिलासपुर के पंजगाई क्षेत्र से सम्बन्द्ध रखने वाले साहित्य- संस्कृति के वरिष्ठ अध्येता, ज्योतिष,वास्तु और धर्मशास्त्र के मर्मज्ञ कुलदीप शांडिल्य ने कहा कि यह कैलेंडर भारतीय काल परंपरा के अनुरूप होरा- वार , नक्षत्र, तिथि, मास आदि अनुसार व्रत पर्व, तिथि-त्यौहार के बारे में उपयोगी जानकारी सामान्य गृहस्थ तक पहुंचा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम सुशिक्षित होने का दावा करते हैं परन्तु फिर भी विज्ञान सम्मत काल परंपरा, ग्रह, नक्षत्र, आदि के अंतर संबंध को स्वीकार न करते हुए अवैज्ञानिक काल गणना पर आधारित अंग्रेजी कैलेंडर अनुसार अपना जन्म दिन,तिथि त्योहार ही स्वीकार कर रहे हैं व प्रयोग व प्रचलन में ला रहे हैं। जनवरी फरवरी आदि मास की तिथियों के अनुसार जन्म दिन आदि मनाना तर्कसंगत व शुभ नहीं हो सकता है.

पञ्चाङ्ग कर्त्ता डॉ० देश राज के अनुसार यह देशराजीय कैलेंडर , पंचांग आज हिमाचल ही नहीं अपितु कुछ गृहस्थी सज्जनों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के सौजन्य से चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा के घरो-गृहस्थियों तक अपनी पहुंच बना चुका है!

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 से कैलेंडर आकार में प्रकाशित इस पञ्चाङ्ग में देवनागरी अंकों में प्रविष्टे, अंग्रेजी दिनांक के साथ प्रतिपदा आदि तिथियां व्यवस्थित रहती हैं। इसमें वर्ष भर के सभी व्यवहारोपयोगी तिथि-त्यौहार, व्रत-पर्व तथा सरकार द्वारा घोषित अवकाशादि दर्शाए गए हैं। इसके अतिरिक्त सभी सनातन धर्मावलंबी गृहस्थियों के लिए उपयोगी वर्ष भर के सभी शुभ तिथि- त्यौहार, सूर्य-चन्द्र ग्रहण विवरण, नवरात्र, पञ्चक, संक्रान्ति, एकादशी व्रत, पूर्णिमा चन्द्रोदय (सत्यनारायण व्रत)🌙, पूर्णिमा सूर्योदय 🌞 व्रत-पर्वों आदि तथा गुरु – शुक्रास्त, श्राद्धपक्ष , भीष्मपंचक, होलाष्टकादि को भी विशेष विविध आकर्षक रंगों की पहचान के साथ सुव्यवस्थित रूप से अंकित किया गया है। यह पञ्चाङ्ग – कैलेंडर खगोलीय गणितीय गणनाओं के वैज्ञानिक तथ्यों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। इसमें समस्त तिथि त्यौहार एवं व्रतपर्व फलस्वरूप हमारी भावी पीढ़ी,इस खगोलीय घटनाओं व गणितीय गणनाओं के ज्ञान से परिचित हो सकें।

इस अवसर पर देशराजीय पंचांग के कर्ता देशराज जी, अपनी माता सहित डॉ मोहन लाल शांडिल्य, इंद्रपाल, तेजिंग गाल्वो,अशोक शर्मा,संजीव गौतम,रितेश शर्मा,यशपाल ठाकुर,मदन लाल,रोहित शर्मा,योगेश चौहान,डॉ राकेश शर्मा,कपिल भारद्वाज,नितेश, सन्नी, मदनलाल शर्मा, उर्मिला शर्मा एवं मधु शर्मा आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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