एडवांस न्यूज़ ब्यूरो ।
1986 में तहसीलदार के रूप मे हुई पहली नियुक्ति
सरकारी सेवा में गोपाल शर्मा ने 1986 में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी पहली पोस्टिंग तहसीलदार कुमारसैन के पद पर हुई। 1994 में वह हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) में सेलेक्ट हुए। इसके बाद प्रमोट होकर वह 2009 बैच के आईएएस अफसर बने। एसडीएम के रूप में उन्होंने नादौन, चंबा, देहरा और बड़सर में सेवाएं दीं। इसके अलावा शिमला नगर निगम के जॉइंट कमिश्नर, स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के एमडी पद भी उन्होंने जिम्मेदारी निभाई।
सन 2022 मे जब हिमाचल प्रदेश मे कांग्रेस की सरकार बनी तो हाईकमान ने गांधी परिवार के सबसे वफादार सिपहसलार सुखविंदर सिंह सुक्खू को हिमाचल के मुख्यमंत्री का जिम्मा सौंपा
किसी भी मुख्यमंत्री के लिए सबसे बड़ी चुनोती अपने विश्वास पात्रों को जिम्मेवारी वाले पदों पर तैनात करना होता है और सबसे बड़ी चुनोती प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों को कंट्रोल करने की होती है ।
मुख्यमंत्री सुक्खू छात्र राजनीति से ही अपने सटीक निर्णयों के ये जाने जाते है और मुख्यमंत्री के रूप में अपना पदभार संभालने के बाद सेवा निवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी गोपाल शर्मा को मुख्यमंत्री ने बुलावा भेजा और बतौर विशेष कार्य अधिकारी के रूप मे सेवाएं देने को कहा ।हालांकि गोपाल शर्मा अब सेवानिवृति के वाद परिवार को समय देना चाहते थे किंतु वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के साथ वो तब से रहे है जब सुखविंदर सुक्खू स्कूली छात्र थे इसलिए गोपाल शर्मा ने मुख्यमंत्री द्वारा विशेष कार्य अधिकारी के ऑफर को खुशी खुशी स्वीकार कर लिया ।
हैरान करने वाली है गोपाल शर्मा की शैक्षणिक योग्यता
गोपाल शर्मा के पास 15 डिंग्रियां हैं. वह केमिस्ट्री में एमएमसी और पीएचडी, सोशियोलॉजी में एमए, ह्यूमन राइट्स में एमएम, हिस्ट्री, पब्लिक एड में एमए हैं. इसके अलावा, उन्होंने इंग्लैंड से MBA भी किया है ।हिमाचल प्रदेश मे इतनी ज्यादा शैक्षणिक योग्यता वाले प्रशासनिक अधिकारी बिरले ही है ।
बहुत ही सरल स्वभावके मृदुभाषी है गोपाल शर्मा ।
हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्रीके विशेष कार्याधिकारी गोपाल शर्मा बहुत ही सरल स्वभाव मृदुभाषी और अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते है उनके सरल व्यवहार को लेकर ये अंदाजा लगाना बहुत कठिन हो जाता है कि वो कभी2 भारतीय प्रशासनिक सेवा2अधिकारी के रूप मे हिमाचल प्रदेश मे अपनी सेवाएं दे चुके है और 15 डिग्रियां भी हासिल कर चुके है प्रदेश सचिवालय मे मुख्यमंत्री कार्यालय मे जो भी गरीब अपनी समस्या को लेकर पंहुचता है गोपाल शर्मा स्वयं उनको साथ लेकर मुख्यमंत्री के पास पेश हो जाते है और मुख्यमंत्री के निर्देशों को अमलीजामा पहनाने के लिए क्लर्क किसी बड़े अधिकारी से लेकर क्लर्क तक के पास पंहुचकर आगन्तुको को निराश होने का मौका नही देते है ।
जैसा व्यक्ति होता वैसा व्यवहार करते है गोपाल शर्मा ।। मुख्यमंत्री कार्यालयमे हर किस्म के लोग आते रहते है हालांकि गोपाल शर्मा सबसे ज्यादा गरीबो और जरूरतमंदों की मदद करते है किंतु उनकी एक खासियत है कि युवाओं के साथ युवा अधिकारियों के साथ अधिकारी और बुजुर्गों के साथ बुजुर्गों वाला व्यवहार करते है
अपनी नियुक्ति को गोपाल शर्मा ने एक ऐशो आराम के पद के रूप मे न लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई निराश होकर न लौटे उस प्रतिज्ञा के साथ कुर्सी पर बैठे और नियुक्ति के पहले दिन से आज तक उनके पास हमेशा फरियादियों का तांता लगा रहता है ।
गोपाल शर्मा जी अक्सर आम जनमानस जो मुख्यमंत्री कार्यालय मे प्रदेश के भिन्न भिन्न भागो से आता है उनकी समस्या1को पूरे गौर से सुनते है और उनकी समस्या को मुख्यमंत्री तक पंहुचा कर या उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री से करवाकर समस्या का समाधान कर देते है ।
गोपाल शर्मा स्वयम कहते है मुझे अपने परिवार से इतना लगाव नही रहा जितना वर्तमान मुख्यमंत्री के परिवार से रहा है जब सुखविंदर सुक्खू बहुत छोटे थे ।♦
♦बकौल गोपाल शर्मा जो वर्तमान मे सुक्खू जी की माता जी है उन्होंने मुझे1 भी बचपन से अपने बेटे की तरह प्यार दिया है और वो मुझे अपना बड़ा बेटा कहती है और मुझे मालूम है कि मेरे तहसीलदार बनने से लेकरआई ए एस तक तरक्की करने मे जितना मेरे मा बाप का आशीर्वाद है उतना ही सुक्खू जी के परिवार का खासकर सुक्खू जी की माँ का है ।
♦सुक्खू की माताजी की वात करते करते गोपाल शर्मा भावुक होकर कहते है उस माँ के आशीर्वाद मे बहुत शक्ति है उसका एक बेटा गोपाल शर्मा आई ए एस बना तो एक वर्तमांन मे प्रदेश का मुख्यमंत्री है ।