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मद्रास उच्च न्यायालय ने बीते कल भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई को पूर्व-प्रमाणन को अस्वीकार करने के अपने आग्रह के पीछे के तर्क को स्पष्ट करने का निर्देश दिया। चुनावी विज्ञापनों को केवल उच्चतम न्यायालय में ही चुनौती दी जा सकती है किसी अन्य न्यायालय में नहीं। मुख्य न्यायाधीश संजय वी. गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति जे. सत्य नारायण प्रसाद ने द्रमुक के वरिष्ठ वकील आर. शुनमुगसुंदरम की दलील के बाद ईसीआई वकील को निर्देश लेने के लिए बुधवार तक का समय दिया कि ईसीआई को उच्च न्यायालयों के रिट क्षेत्राधिकार को छीनने का कोई अधिकार नहीं है।