अशोक गहलोत को झटका, Delhi Court ने संजीवनी मानहानि मामले में याचिका खारिज कर दी

जयपुर/नई दिल्ली  (आरएनएस ) | राजस्थान विधानसभा चुनाव में हार के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक और झटका लगा, जब दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दायर मानहानि मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी।ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती देने की गहलोत की कोशिश राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा उनकी पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दिए जाने से विफल हो गई।

जिससे उनकी विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ सकती है।गहलोत ने शेखावत पर बार-बार संजीवनी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।फरवरी में जोधपुर में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान गहलोत ने दावा किया कि शेखावत और उनका परिवार कथित घोटाले में शामिल थे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एम.के. नागपाल ने बुधवार को मानहानि मामले में ट्रायल कोर्ट के समन को चुनौती देने वाली गहलोत की याचिका की समीक्षा की और 64 पन्नों के आदेश में गहलोत को जारी किए गए समन को बरकरार रखा, जिसमें उन्हें मानहानि मामले में सुनवाई के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया।शेखावत के वकील आदित्य विक्रम सिंह ने कहा कि 6 जुलाई को गहलोत को जारी समन उन्हें पूरे मामले में प्रथम दृष्टया दोषी बनाता है।मुकदमे के बाद दोषी ठहराए जाने की हालत में गहलोत को संभावित रूप से कारावास का सामना करना पड़ सकता है, इसके जवाब में शेखावत ने आरोपों को सिरे से नकारते हुए और उन्हें बेबुनियाद बताते हुए 3 मार्च को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था।अब तक दाखिल चार आरोपपत्रों में शेखावत और उनके परिवार का नाम सामने नहीं आया था, इसलिए दिल्ली पुलिस की जांच ने अदालत को 6 अगस्त को गहलोत को समन जारी करने के लिए प्रेरित किया। गहलोत ने समन को चुनौती दी थी।

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